الإقرار لمملوك - ویکی فقه 


الإقرار لمملوك


لو أقرّ لمملوك صحّ الإقرار .


آراء الفقهاء [تعديل]

لو أقرّ لمملوك صحّ الإقرار كما صرّح به جماعة من الفقهاء ، [۱] [۲] [۳] [۴] [۵] [۶] [۷] [۸] [۹] [۱۰] [۱۱] [۱۲] بل ادّعي نفي الخلاف فيه؛ [۱۳] [۱۴] نظراً إلى إطلاق «إقرار العقلاء على أنفسهم جائز»، [۱۵] وحينئذٍ يكون المقرّ به لمولاه؛ [۱۶] [۱۷] [۱۸] [۱۹] [۲۰] [۲۱] [۲۲] [۲۳] [۲۴] [۲۵] [۲۶] [۲۷] لأنّ جميع ما في يده هو لمولاه. [۲۸]

الفرق بين الإقرار للمملوك والإقرار للبهيمة [تعديل]

والفرق بين الإقرار للمملوك والإقرار للبهيمة أنّ المملوك له أهليّة التصرّف على وجه يكون صاحب يد؛ ولذا تصحّ  إضافة البيع والهبة وسائر  الإنشاءات إليه.
وعدم استقلال المملوك في الملكية أو عدم ملكيته أصلًا لا ينافي نفوذ الإقرار؛ لأنّه إقرار بما يكون لمولاه وهو أهل لذلك. [۲۹] [۳۰]
ولو أقرّ لمبعّض فيكون المال بينه وبين مولاه بالنسبة. [۳۱]

المراجع [تعديل]

۱. المبسوط، ج۳، ص۳۸.     
۲. المهذّب، ج۱، ص۴۱۶.    
۳. الشرائع، ج۳، ص۷۰۰.     
۴. الجامع للشرائع، ج۱، ص۳۳۸.    
۵. القواعد، ج۲، ص۴۱۶.    
۶. التذكرة، ج۲، ص۱۴۹.    
۷. الدروس، ج۳، ص۱۳۰.    
۸. جامع المقاصد، ج۹، ص۲۲۴.    
۹. المسالك، ج۱۱، ص۱۰۲.    
۱۰. مجمع الفائدة، ج۹، ص۳۹۷.    
۱۱. الرياض، ج۱۱، ص۴۱۳.    
۱۲. جواهر الكلام، ج۳۵، ص۱۲۲.    
۱۳. الرياض، ج۱۱، ص۴۱۳.    
۱۴. جواهر الكلام، ج۳۵، ص۱۲۲.    
۱۵. الوسائل، ج۲۳، ص۱۸۴، ب ۳ من الإقرار، ح ۲.    
۱۶. المبسوط، ج۳، ص۳۸.     
۱۷. المهذّب، ج۱، ص۴۱۶.    
۱۸. الشرائع، ج۳، ص۷۰۰.    
۱۹. الجامع للشرائع، ج۱، ص۳۳۸.    
۲۰. الإرشاد، ج۱، ص۴۰۷.     
۲۱. التحرير، ج۴، ص۴۰۳.    
۲۲. الدروس، ج۳، ص۱۳۰.    
۲۳. جامع المقاصد، ج۹، ص۲۲۴.    
۲۴. المسالك، ج۱۱، ص۱۰۲.    
۲۵. مجمع الفائدة، ج۹، ص۳۹۷.    
۲۶. الرياض، ج۱۱، ص۴۱۳.    
۲۷. جواهر الكلام، ج۳۵، ص۱۲۲.    
۲۸. جواهر الكلام، ج۳۵، ص۱۲۲.    
۲۹. جواهر الكلام، ج۳۵، ص۱۲۲.    
۳۰. المسالك، ج۱۱، ص۱۰۲.    
۳۱. الدروس، ج۳، ص۱۳۰.    


المصدر [تعديل]

الموسوعة الفقهية، ج۱۶، ص۴۷- ۴۸.   




أدوات خاصة
التصفح
جعبه‌ابزار